शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

चलनी म दुध दुहे अऊ किस्मत ल दोस देवत हे...


ए ह चलनी म दूध दुह के किस्मत ल दोस देवई तो हय त काय हे। कांग्रेस के इही नीति होगे हे। तेखर सेती जम्मो डहार हरई बुता चलत हे। रहीथे एकेच पार्टी म खाथे एकेच पार्टी के फेर एक दूसर के मुंह ल नई देखे सकय।
छत्तीसगढ़ म त अती हां गे हे। अजीत जोगी, महंत, वोरा, चौबे जतका नेता ततका गुट होगे हावय। एक दुसर के मुख ल नई देखना चाहय। एक दूसर ल नीचा दिखाय के कोशिश म लगे रथे अऊ सोचथे चुनाव जीत जबो अऊ सत्ता घलो पा जाबो। विधायक मन के तेवर ल त झन झन पूछ कथे। नियम कानून अइसे झाड़थे जानो मानो उंखर ले विधवान कोनो नही हे।
छत्तीसगढ़ म कोन ई जानय के कोन ह चुनाव जीतवा सकत हे अऊ कोन ह चुनाव हरवावत हे। तभो ले न हाईकमान चेतय अऊ न ही इहां के नेता मन के अकड़ ह जावय।
ए दारी त बड़े बड़े धुरंधर मन ह निपट थे। एमा के कई झन फेर कभु टिकिट पाही तेखरों ठिकाना नहीं हे। छत्तीसगढ़ म ए दारी सरकार बनाय गे पूरा मौका रीहिस फेर अपन हाथ म गंवा दिन। अऊ हार गे त कलेचुप घलो नहीं रही सकत हे।
अब हारे के कारण गिनावत हे। हारे के बाद घलो नहीं चेतत हे अपन करनी ल छोड़ गे दुसर के करनी ल गिनावत हे। बड़े बड़े नेता बनत रीहिन अऊ अपन क्षेत्र ले नहीं निकले पाय रीहिन अऊ तभो नहीं जीत सकीन।
मोतीलाल वोरा ह कइसनों करके अपन बेटा ल जीता डारीस ल जोगी के घलो बेटा जीत गे। फेर सरकार नहीं बनीस त जम्मो झन दत दत करत हे।
अब कहात हे अध्यक्ष ल बदलो, ठेकाना ल हटाव फलाना ह बदमाशी करीस हे। सांप गुजरे के बाद लाठी पीटे ले का होही फेर कांग्रेसी मन ल कोनो समझा सकत हे। वोमन ह जब करही अपने मनेच के करही। अब फेर पद पर गिद्ध मसान होवत हे। लोकसभा चुनाव ल 6 महीना घलो नहीं बाचे हे फेर लड़ई शुरु होगे हावय। हरईया मन ह अब लोकसभा चुनाव लड़े बर मरत हे। कोनो ह कहुं तिकड़म करत हे त कोनो कुछु करत हे।
लोकसभा चुनाव म कहुं फेर इही हाल रही त पउर एकाक ढन ह बाच के रीहिस ए दारी त एकोच ढन नहीं बांचही। फेर कोन समझाय। एमन ह त चलनी म दूध दूहथें अऊ किस्मत ल दोस देथे। एख्र कुछु ईलाज हे।

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