गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

चल रे बइला टिंगे टिंगे...


चुनाव होगे, सरकार ह नई बदलीस, बदले के उदीम म लगईया मन घलो ठंडा पड़ गे। सरकार बदल जाही एखर उम्मीद त कई झन ल नई रीहिस, अइसे हो ही त वइसे होही अऊ वइसे हो जाही त अइसे हो जाही करत करत कब सरकार ह बइठ जाही पता घलो नई चलही।
भाजपा वाले मन खुश हे, सरकार बन गे, फेर उंखरो बड़े-बड़े मंत्री हार गे, हार गे त बनेच होगे। जनता बर न सिर दरद रहीबे करे रीहिन, डॉक्टर बर त सिर दरद रहीबे करे रीहिन, डॉक्टर साहब बर कम सिर दरद रीहिन। अब डॉक्टर साहब के ताकत अऊ बाढञ गे हे। अऊ जइसे चाही तइसे सरकार ल चलाही।
फेर कांग्रेसी मन जी चरत हे। सोचे रीहिन सरकार त बनीच नहीं फेर जनता अड़बड़ होशियार हे जानत रीहिन के कोन कोन नेता मन ह कइसे कइसे मजा करत हावय। कोन ह कांग्रेसी हन करीके सरकार संग यारी निभावत हावय, अऊ कोन ह लोगन ल ठगत हे। जइसे चुनाव आइस लोगन म कले चुप मजा चरवाहिन।
 ए दारी अड़बड़ झन नवा नवा विधायक चुन के आय हावंय। पउर दारी घलो 20 झन नवा नवा चुन के मंजे रीहिन फेर ओमन ह कुछु काम नई कर पाईन त जनता उला बदल दिन ए दारी 34 झन नवा नवा पहुंचे हे। अभी त बपरा मन कले चुव तमाशा देखत हावंय। पार्टी के बड़े-बड़े नेता मन के गोठ बात त सुनत हे। विधायक बने के पहिली का का नई सोचे रीहिन अब विधायक बन गे त कतकोन झन मेझरावत हे।
एक झन काहत हे अब मोर क्षेत्र में अइसे काम करहु के आज तक ले नई होय हे। मोर पार्टी के सरकार बन गे हे देखबे मैं हा का का नई कारहू। वो दिन अइसने गोठबात म सियाराम ह कही दिस सबले पहिली त बाबू ते हां स्कूल म पढ़ई-लिखई ल बने करवा देबे, पांच किलास ल एक झन गुरुजी पढ़ाथे अऊ उहु ह कब आथे कब जाथे तेखर टिकना नई रहाय। कुछ कहीबे तहां ले छुट्टी मार देथे। पांच किलास बर पांच ठन गुरुजी रखवा दे तहां ले सब ठीक हो जाहय।
आजकल नवा नवा जतका विधायक बने हे सब के अपन अपन गोठ ह। को मन ह नई जानत हे के विधायक बने भर ले कुछु नई होवय। पार्टी म बड़े-बड़े नेता मन ह पहिली ले बइठे हे जादा कुछु करबे तहां ले कतका बेर कोन मोर परक दिही कोनो नई जानय।
पउर नई जानस एक झन विधायक ह मंत्री के खिलाफ बोलीस तहां ले ओला कइसे चुप करा दिन।
राजनीति ह अइसने चलथे। जादा मन उचक नई त उचकेच रही जबे। नवा नवा जीतईया मन के अभी घाघ मन संग पाला नई पड़े हे। थोकीन एक जावव सब पता चल जाही।

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