गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

नवा नवा झंझट...


आजकल चुनाव लडऩा नई हे। एक त टिकिट पाय बर अपन जम्मो ताकत ल लगा मनमाने पईसा खवा अऊ टिकिट मिल गे त चुनाव आयोग ल अपन संपत्ति के जानकारी दे। कार्यकर्ता मन के खुशामद कर अउ जेखर चेहरा देखे के मन नई हे तउनो तीर भीख मांग। चुनाव के बेरा चुनाव आयोग ह अइसे नियम बना दे हावय के ओला पूरा करत करत जीव चल दय। पहिली घांव चुनाव लड़ईया मन त अइबड़ परेशान हे। हिसाब दे के बाद घलो आयोग ह माने ल तैयार नई हे। अऊ नोटिस उपर नोटिस देवत हावय के खाचा कय काबर बतावत हस। तभे त वो दिन नेता जी के जवान बेटा ह खिसिया गे रिहिस। 16 लाख म कोनो चुनाव लड़े सकही। बुजा मन ह अतके म चुनाव लड़ कथे अऊ ओखरे भीतर हिसाब बनाबे त कथे कम बताय हस। जाहा बता के का मरबे। सब के अपन अपन तकलीफ हे ए द अब नवा झंझट शुरु हो गे हावय। चुनाव आयोग ह सब जमीन जायदाद के जानकारी मांगीस अऊ वोला इंकमटेक्स वाला मन तीर मेज दिस। अब सुने म आच हे के इंकम टेक्स वाला मन ह तुतारी घर के पाहु पड़ईया हे। तमे त पउर बिसहत ह कहाय। झन लड़बे मईया चुनाव। अड़बड़ झमेला हे। कभु बुहु करे रहीबे चाहे झन करे रहीबे सब्बो चरितर ह आगु म आ जथे। कुखरो पुरखा मन के बारे म जानकारी चाहगी त वोला चुनाव लड़े बर कही दे। ओखर सब जानकारी मिल जाही। बिसहत ह त एदारी नरोत्तम ल घलो समकाय रीहिस। अड़बड़ झंझट हे गा। निर्दलीय मन ल एक त कोनो जानम नहीं अऊ जानबे तउनो मन हे बड़े-बड़े पार्टी म मोहा के हावय ते कतकोन ईमानदार रह तोला वोट देबेच नई करय। अतेक पड़े हें कथे तभो ले चोर पार्टी म जाके बोजाईच जथे। फेर चुनाव ल नरोत्तमह लड़ डारिस अऊ रोज के नवा नवा झमेला म अलग फंस गे। आजकल वोला रोज आयोग ले अलग बुलावा आवत हे। धान हे खेत म पाक गे हावय फेर आयोग के पेती के मारे करई नई हो वखत हे तभे त ो दिन वो ह आयोगो ल कही दिस जेन कुछ करना हे आजेच कर डार साहेब।  रोज रोज में हा नई आ सकब। साहेब ह अड़बड़ गुस्साईस। फेर नरोत्तम ह सोच डरे हावय नई जांव त नई जांव। गांव म आके वो ह सीधा बिसहत तीर गीस अऊ किहिस बने कहात रेहे गा चुनाव लडऩा आजकल बने आदमी के काम नहीं हे।

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