आजकल चुनाव लडऩा नई हे। एक त टिकिट पाय बर अपन जम्मो ताकत ल लगा मनमाने पईसा खवा अऊ टिकिट मिल गे त चुनाव आयोग ल अपन संपत्ति के जानकारी दे। कार्यकर्ता मन के खुशामद कर अउ जेखर चेहरा देखे के मन नई हे तउनो तीर भीख मांग। चुनाव के बेरा चुनाव आयोग ह अइसे नियम बना दे हावय के ओला पूरा करत करत जीव चल दय। पहिली घांव चुनाव लड़ईया मन त अइबड़ परेशान हे। हिसाब दे के बाद घलो आयोग ह माने ल तैयार नई हे। अऊ नोटिस उपर नोटिस देवत हावय के खाचा कय काबर बतावत हस। तभे त वो दिन नेता जी के जवान बेटा ह खिसिया गे रिहिस। 16 लाख म कोनो चुनाव लड़े सकही। बुजा मन ह अतके म चुनाव लड़ कथे अऊ ओखरे भीतर हिसाब बनाबे त कथे कम बताय हस। जाहा बता के का मरबे। सब के अपन अपन तकलीफ हे ए द अब नवा झंझट शुरु हो गे हावय। चुनाव आयोग ह सब जमीन जायदाद के जानकारी मांगीस अऊ वोला इंकमटेक्स वाला मन तीर मेज दिस। अब सुने म आच हे के इंकम टेक्स वाला मन ह तुतारी घर के पाहु पड़ईया हे। तमे त पउर बिसहत ह कहाय। झन लड़बे मईया चुनाव। अड़बड़ झमेला हे। कभु बुहु करे रहीबे चाहे झन करे रहीबे सब्बो चरितर ह आगु म आ जथे। कुखरो पुरखा मन के बारे म जानकारी चाहगी त वोला चुनाव लड़े बर कही दे। ओखर सब जानकारी मिल जाही। बिसहत ह त एदारी नरोत्तम ल घलो समकाय रीहिस। अड़बड़ झंझट हे गा। निर्दलीय मन ल एक त कोनो जानम नहीं अऊ जानबे तउनो मन हे बड़े-बड़े पार्टी म मोहा के हावय ते कतकोन ईमानदार रह तोला वोट देबेच नई करय। अतेक पड़े हें कथे तभो ले चोर पार्टी म जाके बोजाईच जथे। फेर चुनाव ल नरोत्तमह लड़ डारिस अऊ रोज के नवा नवा झमेला म अलग फंस गे। आजकल वोला रोज आयोग ले अलग बुलावा आवत हे। धान हे खेत म पाक गे हावय फेर आयोग के पेती के मारे करई नई हो वखत हे तभे त ो दिन वो ह आयोगो ल कही दिस जेन कुछ करना हे आजेच कर डार साहेब। रोज रोज में हा नई आ सकब। साहेब ह अड़बड़ गुस्साईस। फेर नरोत्तम ह सोच डरे हावय नई जांव त नई जांव। गांव म आके वो ह सीधा बिसहत तीर गीस अऊ किहिस बने कहात रेहे गा चुनाव लडऩा आजकल बने आदमी के काम नहीं हे।
गुरुवार, 19 दिसंबर 2013
नवा नवा झंझट...
आजकल चुनाव लडऩा नई हे। एक त टिकिट पाय बर अपन जम्मो ताकत ल लगा मनमाने पईसा खवा अऊ टिकिट मिल गे त चुनाव आयोग ल अपन संपत्ति के जानकारी दे। कार्यकर्ता मन के खुशामद कर अउ जेखर चेहरा देखे के मन नई हे तउनो तीर भीख मांग। चुनाव के बेरा चुनाव आयोग ह अइसे नियम बना दे हावय के ओला पूरा करत करत जीव चल दय। पहिली घांव चुनाव लड़ईया मन त अइबड़ परेशान हे। हिसाब दे के बाद घलो आयोग ह माने ल तैयार नई हे। अऊ नोटिस उपर नोटिस देवत हावय के खाचा कय काबर बतावत हस। तभे त वो दिन नेता जी के जवान बेटा ह खिसिया गे रिहिस। 16 लाख म कोनो चुनाव लड़े सकही। बुजा मन ह अतके म चुनाव लड़ कथे अऊ ओखरे भीतर हिसाब बनाबे त कथे कम बताय हस। जाहा बता के का मरबे। सब के अपन अपन तकलीफ हे ए द अब नवा झंझट शुरु हो गे हावय। चुनाव आयोग ह सब जमीन जायदाद के जानकारी मांगीस अऊ वोला इंकमटेक्स वाला मन तीर मेज दिस। अब सुने म आच हे के इंकम टेक्स वाला मन ह तुतारी घर के पाहु पड़ईया हे। तमे त पउर बिसहत ह कहाय। झन लड़बे मईया चुनाव। अड़बड़ झमेला हे। कभु बुहु करे रहीबे चाहे झन करे रहीबे सब्बो चरितर ह आगु म आ जथे। कुखरो पुरखा मन के बारे म जानकारी चाहगी त वोला चुनाव लड़े बर कही दे। ओखर सब जानकारी मिल जाही। बिसहत ह त एदारी नरोत्तम ल घलो समकाय रीहिस। अड़बड़ झंझट हे गा। निर्दलीय मन ल एक त कोनो जानम नहीं अऊ जानबे तउनो मन हे बड़े-बड़े पार्टी म मोहा के हावय ते कतकोन ईमानदार रह तोला वोट देबेच नई करय। अतेक पड़े हें कथे तभो ले चोर पार्टी म जाके बोजाईच जथे। फेर चुनाव ल नरोत्तमह लड़ डारिस अऊ रोज के नवा नवा झमेला म अलग फंस गे। आजकल वोला रोज आयोग ले अलग बुलावा आवत हे। धान हे खेत म पाक गे हावय फेर आयोग के पेती के मारे करई नई हो वखत हे तभे त ो दिन वो ह आयोगो ल कही दिस जेन कुछ करना हे आजेच कर डार साहेब। रोज रोज में हा नई आ सकब। साहेब ह अड़बड़ गुस्साईस। फेर नरोत्तम ह सोच डरे हावय नई जांव त नई जांव। गांव म आके वो ह सीधा बिसहत तीर गीस अऊ किहिस बने कहात रेहे गा चुनाव लडऩा आजकल बने आदमी के काम नहीं हे।
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