शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

अइसन पुलिस के काय भरोसा...


पुलिस वाला मन उपर तो भरोसाच करे के लाईक नहीं रही गे हे। कइथे कुछु अऊ करथे कुछु। अपरहरण के रिपोर्ट लिखाय बर जाबे त लापता के लिख देथे। डकैती और लुट के रिपोर्ट लिखाय बर जाबे त चोरी के लिख देंथे। अऊ मारपीट के रिपोर्ट लिखाय बर जाबे त मटईया मन ल बुला के आकरो खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दीही। तै हां चिचियावत राह तोर सुनबेच नई करय। फरार हे तउन मन फरारेच हे अऊ कुछु नई करने वाला मन फोकटे फोकट धरा जाथे। थाना अऊ कछेरी के चक्कर लगा लगा के थक जा फेर उनला दया नई आवय।
जेन मन अपराधी हे तउन मन के संगवारी होगे हे। संग म बइठत उठत हे अऊ सीधवा मन ल चयकावत हे। राजधानीच म देख ले हजार के जादा फरार अपराधी हे। पुलिस वाला मन ह सब जानथे के कोन ह कहां राहत हे अऊ कहां किंदरत घुमत हे फेर उनला पकड़े के ताकतेच नहीं हे। हर थाना क्षेत्र में इही हाल हे। जाहा कुछु होथे तहां ले कही देथे नेता मन के फोन आ जथे त काम करबो। जहां सट्टा गली खोर म चलत हे। फेर कोनों ल धरे के हिम्मत नहीं हे। तभे त आजकल चोर मन के घलो पावर बाढ़ गे हे। आरंग म त चोर मन ह पुलिस वाला के धरेच म चोरी कर दिन। त नारायणपुर म एक झन पुलिस वाला के घरवाली संग जानकारी होगे। सब झन जान डारे हे के पइसा खवा दे तहां ले कुछु नहीं बिगडय़। तभे त गलत सलत करईया मन के हिम्मत ह बाढ़ गे हे। नेता मन ल घलो अइसने मन ले पईसा चाही तभे त उहु मन ह फर ले कोन करके अइसने मन ल दुड़वा देथे अऊ बने आदमी जाथे त नियम कानून झाड़थे। पउर जीवराखन के घर के दुवारी म पड़ोसी ह कचरा फेक दीस। मना करीस त उहीच ल पीट दीस। थानी गीस त थाना वाला उही ल चमकाईस अऊ जीवराखन ह रिपोर्ट लिख कहीके दबाव डारीस त पुलिस वाला मन ओखर रिपोर्ट त लिखीस पड़ोसी ल बला के जीवराखन के खिलाफ घलो रिपोर्ट लिखवा दीस। आज ले जीवराखन ह थाना कछेरी के चक्कर कारत हावय। पुलिस वाला मन के रोज नवा नवा किस्सा सुनई देथे। ते हां शिकायत करथे त तोहींच ल पीट दीही नई त पिटवा दीही। बड़े-बड़े अधिकारी मन ह संबंध सुधारे ल कथे अऊ थाना वाला मन ह संबंध बिगाड़त रथे। तभे त रामप्रसाद ह थोकीन पीथे तहां ले पुलिस वाला मन ल मनमाने बखनत रथे। पारा  के टुरा मन ल सट्टा ले बचाय खातिर वो हा सटोरिया मन के शिकायत करे रीहिस त उल्टा उही ल फंसा दे रीहिस। अइसन पुलिस वाला मन उपर कइसे भरोसा करे जा सकत हे।

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