गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

सरकार कखरो बनय खुशी त मनानच हे...


छत्तीसगढ़ में सरकार काखर बनही, कोन कोन जीतही अऊ काखर करम ह फुटहा हे काली जुवार सब पता चल जाही। झूठ लबारी के एक खेल म कोन कोन ह कतका बेझांय हावय अऊ कोन ह कतका बड़ नेता हे सब पता चल जाही। कोन काम करे हे कोन जयचंद-मीरजाफर हे तेखरों पता चल जाही। ए दारी फैसला म अतेक टेम लगे हे तइसन कभु नई होय हे। गान-गली, खोर-दुवार, तरीया-नदिया पार जम्मो डहार पल पल म सरकार बनत अऊ बिगड़त रीहिस। बड़े-बड़े धुरंधर मन के जी ह उड़ीयाय हावय। रोन एकेच ढन गोठ चलत रीहिस तेखर उपर ले ए सर्वेवाला मन अलग जी परान ल दे दे रीहिस। सर्वे वाला मन ह त जम्मो जगह कमल वाला मन के सरकार बना डारे हावय फेर का सरकार ह बनत हे।
टीवी रेडियो जम्मो ह जी ल असकरा दे रीहिन। बड़े-बड़े नेता मन ल बइठार के अइसे चर्चा करत रीहिन जानो मानो इखर ले विधान कोनो नई हे। सरकार बनय बर झगड़ा झंझट अतेक होथे तेन ल कई झन नई जानत रीहिन तउनो मन ह टीवी देख देख के जान डरीन। फेर आज ले कतको झन ल नई समझ आईस के कोन ह लबारी मारत हे त काखर गोठ ह सितकोन हे। वो दिन सर्वे आईस तला ले मेहतरू ह फटाका घलो फोड़ डारिस। जब वोला महराज ह बताईस के ए ए फैसला नो हय चैनल वाला मन ह अंदाजी टोला भारत हे त कले चुप धर म खुशर गे। दुसर दिन तहां ले काहत हे ले का होईस फैसला आती त अऊ फोड़ लेबो। वोला डेरहा ह किहिस अंदाजीि टोला ह गलत निकल जाही त का करबे तभो फटाका फोड़ देबो। हमला काय हे सरकारर कखरो बनय। कोन सा हमला पाल पोस दिही। अप जांगर ले कमाबो तभे खाबो। कखरो सरकार बानय नवा सरकार बर खुशी मनाबों अऊ देवता धामी म नरीयर घलो चढ़ाबों के ए मन के मति ल फिरो देवय अउ बने बने काम करय।मेहतक ह नानपन ल अइसनेच हे गांव म कहु काम होवय सबले आगु रथे। भड़भड़ा घलो हे थोकीन म रीसा जथे फेर थोड़ीच कीन देर म वइसने के वइसने हो जथे। नान नान लइका मन घलो वोला ढगत रथे फेर वो ह कखरो बर दुआ मेदी नई करय। भल ल भल जानथे। तभे त कांग्रेस मन आथे त उहीच दिखथे। भाजपाई मन ले घलो ओखर अच्छा बनथे। एक बार वो ह जरूर कहीथे। मोर एकेच ढन सपना हे के मोर जीयत जीयत गांव म सब सरकारी सुविधा मिल जाय। इहां के नोनी बाबू मन ह पढ़ लिख लय। पढ़े लिखे के अड़बड़ पुछंता हे। तेखर सेती वो ह सब लइका मन ल पढ़े बर काहत रथे।
000

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें