जब कहुं चुनाव होथे, पार्टी के नाराज कार्यकर्तामन ह जम के भीतरघात करथे। छत्तीसगढञ म घलो इही हाल रीहिस हे। जगह-जगह जयचंद अऊ मीर जाफर दिकत रीहिस। का कांग्रेस अउ का भाजपा। जम्मो डहार इही हाल रीहिस हे। भीतरघाती मन के सेती पार्टी प्रत्याशी के हाल बेहाल रीहिस। पार्टी प्रत्याशी मन ह अइसन मन ल पार्टी ले निकाले के घलो मांग कर दे हे फेर मुड़ म लोकसभा चुनाव हे तेखर सेती कोनो पार्टी ह भीतरघात करईया मन ल निकाले के हिम्मत नई कर पावत हे। भाजपा म त बड़े बड़े सांसद, मंत्री मन के घलो नाम आवत हे त कांग्रेस घलो नई चेते हे। दस साल के बनवास के बाद घलो बड़े-बड़े नेता मन ह कुरसी खातिर पार्टी ल हराय बर लगे रीहिस। कांग्रेस म त निर्दलीय प्रत्याशी ल हेलीकाप्टर दे के घलो चर्चा हे। फेर काखर हिम्मत हे के ये बड़े नेता मन ल पार्टी ले निकाल सकय। प्रत्याशी मन ह नाम फोडफ़ोड़ के भीतरघाती मन ल सोहरावत हे फेर बड़े नेता मन ह उंखर बात ल एकान ले सुन के वो कान ले निकाल देवत हे। वो दिन गौरा चौरा म रही भीतरघाती मन के चचा चलत रीहिस। के कईसे कइसे उदीम करत रीहिन, दिन म संग म घुमय इऊ रात के कइसे हराम बर कहात रीहिन। तभे त वो दिन तरीया पार म गुड़ाखु घसत घसत बइठमाल ह कही पारीस ये सारा मन ह मीरजाफर अऊ जयचंद ल घलो फेर कर दे हावंय। नाम पहिचान पढ़ पैसा सब पाटी के बदौलत कमाय हे फेर चुनाव आथे तहां ले भीतरघात करे म भिड़ जाथे। बइठमाल के गोठ म हां मे हां मिलईयां के घलो कमी नही रीहिस, जे मुंह ले बात चलत रीहिस, कोनो ह कागरो पोल ल खोलत रीहिस त कोनो ह अपन डहार ले कहानी गढ़त रीहिस। जीवराखन ह त अपन बात ल मनवाय बर उदीम म उदीम दे देवत रीहिस त बैसाखू ह ए भीतरघाती मन ल विभिषण कही रिस। बैसाखू ह का विभिषण किहिस डेरहा के जी खिसिया गे। वो ह कहे लागीस ए सारा चोर मन ल विभिषण झन काह जी। विभिषण ह भले अपन भाई संग छल करीस हे फेर वो हा राम के संग दे रीहिस। रावण असन भाई संग छल करे रीहिस तेन ल नई देखस। इहां त जम्मो डहार रावण दिखथे। विभिषण का पूजा पाठ वाला आदमी रीहिस सत के संग दिस हे अधर्मी के नाश करे बर राम के संग दिस हे। धर्म के रक्षा खातिर वो ह अधर्मी भाई के खिलाफ को रीहिस। एमन ह फोन सा धरम के काम करत हे तेमा तेमा ए मन ल विभिषण कथय। पहिली विभिषण ल जान ले तब ओखर नाम लेबे कोकरे फोकट विभिषण कहत रथस।
डेरहा के बउदई ल देख के कतकोन झन वो तीर ले खसक के जानथे गांव म डेरहा च ह त अइसे आदमी हे जेन ह कखरो नई सुनय। अनियाय ल त बिल्कुलेच नई साहय।
000
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें