गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

बिलवा के पुलिस पुराण...


छत्तीसगढ़ के पुलिस वाला मन अड़बड़ चतुरा हे। कहां कइसे करना हे काखर रिपोट झिपोट करना हे कोन ल कइसे फांसना हे अऊ कोन ल कइसे छोडऩा हे। कहां सट्टा चलाना हे केती जुआं चलाना हे सब जानथे। इखंर पार पाना अड़बड़ कठिन हे। तभे त बड़ा भारी नेता बनईया सूरज निर्मलकर के बेटा ल पिटईया मन ल पंडरी पुलिस वाला मन ह नई धरीन। डीजीपी घलो कही डारिस तभो नई धरत हे। उल्टा जगह जगह काहत घूमत हे बहुत बड़ नेता बनथे दिखावत नेतागिरी अऊ घर के लानय। वो दिन एसपी आफिस म कम हंगामा होईस। एसपी के वर्दी के बटन घलो टुट गे। फेर एसपी ए रिपोर्ट नहीं लिखवाईस। सिपाही ह रिपोर्ट लिखाय बर कही दिस। काली जुवार मोहबा बाजार के दुकान म तोडफ़ोड़ होईस, कांच-कांच जम्मो टुट गे फेर पुलिस ल रिपोर्ट नई लिखना रीहिस त नई लिखिस। कही दिस तुंहर मन के आपसी विवाद हे तुमन निपटव। अतेक तोडफ़ोड़ के बाद घलो पुलिस के आंखी म संपत्ति विवाद ह दिख गे फेर तोडफ़ोड़ ह नई दिखय। अब का खून खच्चर होही तभे रिपोर्ट लिखहीं। कई ढन मामला हे। राजधानी म जगह-जगह सट्टा होवत हे फेर मजाल के वो ह रूक जाय। उल्टा महिना बांध के वसुली करत हे। सरकार ह गुटखा बेचे म रोक लगा दे हे। फेर पुलिस वाला मन हे कुहु कर गुटका ले बंद नई करीस उल्टा खुद गुटखा खावत हे। ए कोती बड़े अधिकारी मन ह नेता मन असन भाषण बाजी करत हे के आम आदमी ले संबंध सुधारो अऊ दुसर डहार पुलिस वाला मन ह गुण्डा बदमाश ले अपन संबंध बनावत हे। ए महिना ल त कोटा पूरा करे के महिला कहे जथे। बड़े-बड़े ट्रक गायब होही अऊ धरा घलो नहीं। अगहन-पूस म अइसने होथे। हर साल के नियम हे दिसम्बर म कम से कम रिपोर्ट होही। अऊ उही रिपोर्ट होही जेहा कोटा पूरा होवय।
दूसर डहार थाना म आम आदमी संग का होवत हे तेखर चिंता कोनो ल नई हे। तभे त बिलवा ह काहय ए पुलिस कचहरी के चक्कर म आदमी ल कभु नई घुसेना चाही। बपरा के साइकिल ह चोरी होगे। रिपोर्ट लिखाय बर गिस त थाना वाला मन ह बिल मांगीन बिलवा ह किहिस दस साल पहिली बिसाल रेहेव कहां ले बिल ह रही। त पुलिस वाला मन ह भड़क गे उल्टा उही ल फ घंटा लइठार दिस वो त तिहारू ह कइसे ढंग के थाना गे रीहिस त ओला पता चलीस त बिलवा ल धर लानीस चाय पानी बर पइसा अलग दे ल पड़ गे। तेन दिन ले वो ह पुलिस वाला मन ल पानी पी पी के गारी देथे।
अइसने कई ठन किस्सा हे फेर अधिकारी मन ह पतियाही त मतलब हे। तेहा चिचियावत राह तोन कोन सुनही।

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