शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

चलनी म दुध दुहे अऊ किस्मत ल दोस देवत हे...


ए ह चलनी म दूध दुह के किस्मत ल दोस देवई तो हय त काय हे। कांग्रेस के इही नीति होगे हे। तेखर सेती जम्मो डहार हरई बुता चलत हे। रहीथे एकेच पार्टी म खाथे एकेच पार्टी के फेर एक दूसर के मुंह ल नई देखे सकय।
छत्तीसगढ़ म त अती हां गे हे। अजीत जोगी, महंत, वोरा, चौबे जतका नेता ततका गुट होगे हावय। एक दुसर के मुख ल नई देखना चाहय। एक दूसर ल नीचा दिखाय के कोशिश म लगे रथे अऊ सोचथे चुनाव जीत जबो अऊ सत्ता घलो पा जाबो। विधायक मन के तेवर ल त झन झन पूछ कथे। नियम कानून अइसे झाड़थे जानो मानो उंखर ले विधवान कोनो नही हे।
छत्तीसगढ़ म कोन ई जानय के कोन ह चुनाव जीतवा सकत हे अऊ कोन ह चुनाव हरवावत हे। तभो ले न हाईकमान चेतय अऊ न ही इहां के नेता मन के अकड़ ह जावय।
ए दारी त बड़े बड़े धुरंधर मन ह निपट थे। एमा के कई झन फेर कभु टिकिट पाही तेखरों ठिकाना नहीं हे। छत्तीसगढ़ म ए दारी सरकार बनाय गे पूरा मौका रीहिस फेर अपन हाथ म गंवा दिन। अऊ हार गे त कलेचुप घलो नहीं रही सकत हे।
अब हारे के कारण गिनावत हे। हारे के बाद घलो नहीं चेतत हे अपन करनी ल छोड़ गे दुसर के करनी ल गिनावत हे। बड़े बड़े नेता बनत रीहिन अऊ अपन क्षेत्र ले नहीं निकले पाय रीहिन अऊ तभो नहीं जीत सकीन।
मोतीलाल वोरा ह कइसनों करके अपन बेटा ल जीता डारीस ल जोगी के घलो बेटा जीत गे। फेर सरकार नहीं बनीस त जम्मो झन दत दत करत हे।
अब कहात हे अध्यक्ष ल बदलो, ठेकाना ल हटाव फलाना ह बदमाशी करीस हे। सांप गुजरे के बाद लाठी पीटे ले का होही फेर कांग्रेसी मन ल कोनो समझा सकत हे। वोमन ह जब करही अपने मनेच के करही। अब फेर पद पर गिद्ध मसान होवत हे। लोकसभा चुनाव ल 6 महीना घलो नहीं बाचे हे फेर लड़ई शुरु होगे हावय। हरईया मन ह अब लोकसभा चुनाव लड़े बर मरत हे। कोनो ह कहुं तिकड़म करत हे त कोनो कुछु करत हे।
लोकसभा चुनाव म कहुं फेर इही हाल रही त पउर एकाक ढन ह बाच के रीहिस ए दारी त एकोच ढन नहीं बांचही। फेर कोन समझाय। एमन ह त चलनी म दूध दूहथें अऊ किस्मत ल दोस देथे। एख्र कुछु ईलाज हे।

चल रे बइला टिंगे टिंगे...


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह तीसरईया घांव शपथ ले डारीस। बड़े-बड़े नेतामन आय रीहिन, नवा-नवा जीतईया विधायक मन घलो आय रीहिन, भाजपाई मन के चेहरा मोहरा देखे के लइक रीहिन। देखे के लहक त जोगी के जलवा घलो रीहिन। जोगी के जलवा काबर नहीं रही। भाजपा ह वोखर नाम ले ले  के सरकार बनावत है। रमन सिंह अऊ इहां के जमो भाजपावाला मन ह त पहिलीच ले कहात रहे के जब तक जोगी के जलवा रही तब तक उंखर सरकार बनत रही। तेखरे पास के जोगी ल उहां भी सम्मान मिलिन। भाजपा के बड़े-बड़े नेता मन जोगी ले मिलत रीहिन। कांग्रेस ह भले जोगी के जलवा ल नहीं समझत हे फेर भाजपा वाला मन जानथे के जोगी के का ताकत हे। चुनाव म वो ह जनता झन के टिकिट बर लड़े रीहिस जम्मों ल जीतवा के ले आईस। हरईया कांग्रेसी म ह जोगी ल पानी पी पी के गारी देवत हे फेर जोगी ह जनथे के हरईया मन ह अइसनेच करबे। अपन करम ह कोनो ल नहीं दिखय। रमन सिंह के तीसरईया  शपथ ल देखे-सेने बर मनमाने भीड़ रीहिस। नवा नवा जीतईया मन के अपन जलवा हे। तेखर सेती उहु मन ह भीड़ धर-धर के आय रीहिन फेर पुलिस वाला मन के चेकिंग के मारे सिट्टी-पिट्टी गुम हो गे रीहिन। बड़े-बड़े नेता मन ले मिल-मिल के अपन बहादुरी बताने वाला मन के घलो कमी नहीं हे तेभे त कोनो ह कोन बड़े-बड़े नेता ल कइसे कइसे उदीम कर हराईन हे तेखरे गौठ चलत रीहिस।  राजिम ले जीतईया ह बतावत रीहिन के वो ह कइसे जीतीस त रविन्द्र चौबे ल हराईया लाभचंद के अपन जलवा दिखत रीहिस। शिवरतन शर्मा ह त जोगी ल कही दिस के ए दारी वोखर भाठापारा नहीं जाय के सेती वो ह जीत गे। बपरा ह तीन घावं ले हारे रीहिस। कई झन नवा नवा पहिली घांव विधायक बने हे तउन मन त भइगे टुकुर टुकुर देखत मुच मुच करत रीहिन। एक झन ह थोकीन करत रीहिस के वो ला चुप चाप बहठे ल कही दिस तहां ले उहु ह  चुप बहठ गे। एक झन त अपन गियान बरवारत रीहिस त संग म आईयाच ह कही हिस जादा गियान बरवारबेे त फोकर फंस जाबे कले चुप देख समय ले तब गियान ल बरवारबे। कई झन मन त एकदम नवा नवा पहीन के आय रीहिन अऊ धुर्रा माटी ल जाहि के चिंता म लगे रीहिस।

अब लोकसभा के का होही...


ए दे डॉक्टर साहब ह फेर कही दिस लोकसभा के ग्यारा-ग्यारा सीट ल जीतबों, डॉक्टर साहब तीर हर ईलाज के दवा हे। जइसे कइथे तइसने होथे। बपरा कांग्रेसी मन ह हार के पीरा ल भुलाय नही हे ए दे चार महिना बाद नवा चुनाव आवत हे।
डाक्टर साहब जानथे के छत्तीसगढ़ म कांग्रेसी मन के का हाल हे, दिन म भइया रात म सईयां के किस्सा के सेती त 27-27 विधायक मन हार गे, ए दे लोकसभा के पहिली अइसन मन के इलाज नई होही त फेर इही हाल होही।
जोगी ल कोनो मरवाय नहीं अऊ जोगी बिना राहय नहीं कस किस्सा छत्तीसगढ़ कांग्रेस मे हैं। कांग्रेसी मन ह अभी अपन हार के दुख मनावत हे। जोगी जइसे नेता मन के बोलती बंद हे त हरइंया मन ह गिद्ध असन होवत हे। वो हा एला दोस देवत हे त ए हा वोला दोस देवत हे फेर कोनो ह अपन चरितर ल नई देखत हे। सब झन के एकेच हाल हे। अपन हित बर कुछु भी करे जा सकत हे।
कांग्रेसी मन ह अपन म मरत हे त डॉक्टर साहब ह फेर दुदुवाय के काम कर दिस। कांग्रेसी मन ल कइसे जुझाना हे वोखर ले बढिय़ा कोन जानथे। एक झन ल बला, बने खवा पिया, दुचार काम कर दे अऊ कले चुप हल्ला करवा दे तहां ले मइगे तमाशा देखत रहा। एक त वइसने देश भर में मोदी लहर ले कांग्रेसी मन परेशान हे, मोदी लहर ले निपटे के कुछु रास्ता नहीं दिखत हे उपर ले ग्यारा के ग्यारा सीट ल जीते के गोठ कहीके कांग्रेसी मन के धड़कन ल बढ़ा दे हावय।
अब कांग्रेस के बड़े बड़े नेता मन ह काम करही, कइसे होही कोनो नई जानत हे। सरकार बनाय के अतका बढिय़ा मौका आय रीहिस कुछु ल अपन हाथ म गंवा दिन अऊ अब अपने अपन खांव खांव हांव हांव करत हे। अइसने चलत रही त ग्यारा के ग्यारा सीट ह नहीं जाही त अऊ का होही।
धुर कांग्रेसी सेवक राम ह गलत नहीं कहाय फेर जीयत जी ओखर बात ल कोनो नहीं मानीस, वो ह साफ कहाय गांधी के नाम लेके, राज करईया मन ह अभी घलो चेंत जाए अऊ गांधी के काम ल घलो आगे बढ़ाहीं तभी राज करही नहीं त भुगतही। जमाना बदल गे हे अपन जने ह त सुनय नहीं त दुसर के मानी कोन धरही। करम ल सुधार त राज करबे नहीं त कहात रही जबे अइसे करतेन त वइसे होही।
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अइसन पुलिस के काय भरोसा...


पुलिस वाला मन उपर तो भरोसाच करे के लाईक नहीं रही गे हे। कइथे कुछु अऊ करथे कुछु। अपरहरण के रिपोर्ट लिखाय बर जाबे त लापता के लिख देथे। डकैती और लुट के रिपोर्ट लिखाय बर जाबे त चोरी के लिख देंथे। अऊ मारपीट के रिपोर्ट लिखाय बर जाबे त मटईया मन ल बुला के आकरो खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दीही। तै हां चिचियावत राह तोर सुनबेच नई करय। फरार हे तउन मन फरारेच हे अऊ कुछु नई करने वाला मन फोकटे फोकट धरा जाथे। थाना अऊ कछेरी के चक्कर लगा लगा के थक जा फेर उनला दया नई आवय।
जेन मन अपराधी हे तउन मन के संगवारी होगे हे। संग म बइठत उठत हे अऊ सीधवा मन ल चयकावत हे। राजधानीच म देख ले हजार के जादा फरार अपराधी हे। पुलिस वाला मन ह सब जानथे के कोन ह कहां राहत हे अऊ कहां किंदरत घुमत हे फेर उनला पकड़े के ताकतेच नहीं हे। हर थाना क्षेत्र में इही हाल हे। जाहा कुछु होथे तहां ले कही देथे नेता मन के फोन आ जथे त काम करबो। जहां सट्टा गली खोर म चलत हे। फेर कोनों ल धरे के हिम्मत नहीं हे। तभे त आजकल चोर मन के घलो पावर बाढ़ गे हे। आरंग म त चोर मन ह पुलिस वाला के धरेच म चोरी कर दिन। त नारायणपुर म एक झन पुलिस वाला के घरवाली संग जानकारी होगे। सब झन जान डारे हे के पइसा खवा दे तहां ले कुछु नहीं बिगडय़। तभे त गलत सलत करईया मन के हिम्मत ह बाढ़ गे हे। नेता मन ल घलो अइसने मन ले पईसा चाही तभे त उहु मन ह फर ले कोन करके अइसने मन ल दुड़वा देथे अऊ बने आदमी जाथे त नियम कानून झाड़थे। पउर जीवराखन के घर के दुवारी म पड़ोसी ह कचरा फेक दीस। मना करीस त उहीच ल पीट दीस। थानी गीस त थाना वाला उही ल चमकाईस अऊ जीवराखन ह रिपोर्ट लिख कहीके दबाव डारीस त पुलिस वाला मन ओखर रिपोर्ट त लिखीस पड़ोसी ल बला के जीवराखन के खिलाफ घलो रिपोर्ट लिखवा दीस। आज ले जीवराखन ह थाना कछेरी के चक्कर कारत हावय। पुलिस वाला मन के रोज नवा नवा किस्सा सुनई देथे। ते हां शिकायत करथे त तोहींच ल पीट दीही नई त पिटवा दीही। बड़े-बड़े अधिकारी मन ह संबंध सुधारे ल कथे अऊ थाना वाला मन ह संबंध बिगाड़त रथे। तभे त रामप्रसाद ह थोकीन पीथे तहां ले पुलिस वाला मन ल मनमाने बखनत रथे। पारा  के टुरा मन ल सट्टा ले बचाय खातिर वो हा सटोरिया मन के शिकायत करे रीहिस त उल्टा उही ल फंसा दे रीहिस। अइसन पुलिस वाला मन उपर कइसे भरोसा करे जा सकत हे।

गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

चल रे बइला टिंगे टिंगे...


चुनाव होगे, सरकार ह नई बदलीस, बदले के उदीम म लगईया मन घलो ठंडा पड़ गे। सरकार बदल जाही एखर उम्मीद त कई झन ल नई रीहिस, अइसे हो ही त वइसे होही अऊ वइसे हो जाही त अइसे हो जाही करत करत कब सरकार ह बइठ जाही पता घलो नई चलही।
भाजपा वाले मन खुश हे, सरकार बन गे, फेर उंखरो बड़े-बड़े मंत्री हार गे, हार गे त बनेच होगे। जनता बर न सिर दरद रहीबे करे रीहिन, डॉक्टर बर त सिर दरद रहीबे करे रीहिन, डॉक्टर साहब बर कम सिर दरद रीहिन। अब डॉक्टर साहब के ताकत अऊ बाढञ गे हे। अऊ जइसे चाही तइसे सरकार ल चलाही।
फेर कांग्रेसी मन जी चरत हे। सोचे रीहिन सरकार त बनीच नहीं फेर जनता अड़बड़ होशियार हे जानत रीहिन के कोन कोन नेता मन ह कइसे कइसे मजा करत हावय। कोन ह कांग्रेसी हन करीके सरकार संग यारी निभावत हावय, अऊ कोन ह लोगन ल ठगत हे। जइसे चुनाव आइस लोगन म कले चुप मजा चरवाहिन।
 ए दारी अड़बड़ झन नवा नवा विधायक चुन के आय हावंय। पउर दारी घलो 20 झन नवा नवा चुन के मंजे रीहिन फेर ओमन ह कुछु काम नई कर पाईन त जनता उला बदल दिन ए दारी 34 झन नवा नवा पहुंचे हे। अभी त बपरा मन कले चुव तमाशा देखत हावंय। पार्टी के बड़े-बड़े नेता मन के गोठ बात त सुनत हे। विधायक बने के पहिली का का नई सोचे रीहिन अब विधायक बन गे त कतकोन झन मेझरावत हे।
एक झन काहत हे अब मोर क्षेत्र में अइसे काम करहु के आज तक ले नई होय हे। मोर पार्टी के सरकार बन गे हे देखबे मैं हा का का नई कारहू। वो दिन अइसने गोठबात म सियाराम ह कही दिस सबले पहिली त बाबू ते हां स्कूल म पढ़ई-लिखई ल बने करवा देबे, पांच किलास ल एक झन गुरुजी पढ़ाथे अऊ उहु ह कब आथे कब जाथे तेखर टिकना नई रहाय। कुछ कहीबे तहां ले छुट्टी मार देथे। पांच किलास बर पांच ठन गुरुजी रखवा दे तहां ले सब ठीक हो जाहय।
आजकल नवा नवा जतका विधायक बने हे सब के अपन अपन गोठ ह। को मन ह नई जानत हे के विधायक बने भर ले कुछु नई होवय। पार्टी म बड़े-बड़े नेता मन ह पहिली ले बइठे हे जादा कुछु करबे तहां ले कतका बेर कोन मोर परक दिही कोनो नई जानय।
पउर नई जानस एक झन विधायक ह मंत्री के खिलाफ बोलीस तहां ले ओला कइसे चुप करा दिन।
राजनीति ह अइसने चलथे। जादा मन उचक नई त उचकेच रही जबे। नवा नवा जीतईया मन के अभी घाघ मन संग पाला नई पड़े हे। थोकीन एक जावव सब पता चल जाही।

जीतईया मन जीत गे हरईया मन मुंह ल फार दिन...


ये दे जम्मो डहार कमलेच कमल दिखत हे। हाथ वाला मन अड़बड़ मेहनत करीन फेर कमल ल फुले ले नई रोक सकीन। छत्तीसगढ़ म त बोड़ बड़त लाज ह रहीगे फेर दूसर डहार त अइसे बुता बने हे के झन पूछ काहत हे। मोदी के जादू चलीस के कांग्रेसी मन ल ओखर करनी के फल मिलिस तेन ल बइठ के गुनत रहाव। एखर कोनो मतलब नई हे।
छत्तीसगढ़ म चांदर वाले बाबा ह हेटटिक मार दिस। अऊ कांग्रेसी मन ह फेर दस कदम दूरिया रहीगे। कांग्रेस ह कार नई जीतिस। अइसे करतीन त वइसे होतीस करत हावंय फेर एखर कोनो फायदा नई हे। एक बात त तय हे के जेन जीत थे तेखर दम ल नई देखे जाये। एखर बाद घलो भाजपा ल सोचे ल पड़ही के ओखर बड़े-बड़े मंत्री मन ह काबर हारीन। भाजपा ह अनुशासन वाला पार्टी हे। वोला सोचना एखर सेती घलो चाही के 6 महीना बाद लोकसभा चुनाव हे विधानसभा म त दिल्ली के सपना ह पूरा नई होईस फेर लोकसभा म दिल्ली जीते के सपना पूरा करे बर वोला अभी अऊ मेहनत करना हे।
मेहनत त कांग्रेसी मन ल घलो करे ल पड़ही। देश भर म मोदी के लहर चलत हे ओखर आगु म अच्छा-अच्छा मन के बोलती बंद हे। ए बात ल धियान नई दिही त कांग्रेस के जेन बुता अभी चार प्रदेश म होय हावय वइसने लोकसभा म घलो हो जाही।
छत्तीसगढ़ म मोदी के जादु चले हे ए बात ल कांग्रेसी मन ल मान लेना चाही नही त बाद म अड़बड़ पछताहीं। जेन हिसाब म रमन राज ह दस साल रीहिस हे तेन ल कोनो बनाय हे त वो रमन सिंह के छवि अऊ मोदी के लहर ह बचाय हावय।
कांग्रेस के 27 विधायक ह हार गे। बस्तर अऊ सरगुजा म घोड़ बहुत नई जीत तीन त दूसर प्रदेश असन हाल हो जतीस। रमन राज के करतुत ल उजागर करत करत अपन करतुत ल भुला गे रीहिन। अब कांग्रेसी मन ह कुहुु कांहय एख बात त तय हे के जेन ह जनता के दुख-सुख ल समझहीं उही ह अब जीत सकत हे। पहिली के जमाना नई रही गे हे के चुनाव के बेर भुलयार दे तहां ले वोट मिल जाही। जेन मन विधायक बने हे उहु मन ल सोचे बर पड़ही के जनता के दुख पीरा ह कइसे मिटही। चाउर बांटे ले कुछु नई होवय। ईमानदारी के साथ दे ल पड़ही नई त लोकसभा म चुनाव म सब कुछ उल्टा पुल्टा हो जाही।
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सरकार कखरो बनय खुशी त मनानच हे...


छत्तीसगढ़ में सरकार काखर बनही, कोन कोन जीतही अऊ काखर करम ह फुटहा हे काली जुवार सब पता चल जाही। झूठ लबारी के एक खेल म कोन कोन ह कतका बेझांय हावय अऊ कोन ह कतका बड़ नेता हे सब पता चल जाही। कोन काम करे हे कोन जयचंद-मीरजाफर हे तेखरों पता चल जाही। ए दारी फैसला म अतेक टेम लगे हे तइसन कभु नई होय हे। गान-गली, खोर-दुवार, तरीया-नदिया पार जम्मो डहार पल पल म सरकार बनत अऊ बिगड़त रीहिस। बड़े-बड़े धुरंधर मन के जी ह उड़ीयाय हावय। रोन एकेच ढन गोठ चलत रीहिस तेखर उपर ले ए सर्वेवाला मन अलग जी परान ल दे दे रीहिस। सर्वे वाला मन ह त जम्मो जगह कमल वाला मन के सरकार बना डारे हावय फेर का सरकार ह बनत हे।
टीवी रेडियो जम्मो ह जी ल असकरा दे रीहिन। बड़े-बड़े नेता मन ल बइठार के अइसे चर्चा करत रीहिन जानो मानो इखर ले विधान कोनो नई हे। सरकार बनय बर झगड़ा झंझट अतेक होथे तेन ल कई झन नई जानत रीहिन तउनो मन ह टीवी देख देख के जान डरीन। फेर आज ले कतको झन ल नई समझ आईस के कोन ह लबारी मारत हे त काखर गोठ ह सितकोन हे। वो दिन सर्वे आईस तला ले मेहतरू ह फटाका घलो फोड़ डारिस। जब वोला महराज ह बताईस के ए ए फैसला नो हय चैनल वाला मन ह अंदाजी टोला भारत हे त कले चुप धर म खुशर गे। दुसर दिन तहां ले काहत हे ले का होईस फैसला आती त अऊ फोड़ लेबो। वोला डेरहा ह किहिस अंदाजीि टोला ह गलत निकल जाही त का करबे तभो फटाका फोड़ देबो। हमला काय हे सरकारर कखरो बनय। कोन सा हमला पाल पोस दिही। अप जांगर ले कमाबो तभे खाबो। कखरो सरकार बानय नवा सरकार बर खुशी मनाबों अऊ देवता धामी म नरीयर घलो चढ़ाबों के ए मन के मति ल फिरो देवय अउ बने बने काम करय।मेहतक ह नानपन ल अइसनेच हे गांव म कहु काम होवय सबले आगु रथे। भड़भड़ा घलो हे थोकीन म रीसा जथे फेर थोड़ीच कीन देर म वइसने के वइसने हो जथे। नान नान लइका मन घलो वोला ढगत रथे फेर वो ह कखरो बर दुआ मेदी नई करय। भल ल भल जानथे। तभे त कांग्रेस मन आथे त उहीच दिखथे। भाजपाई मन ले घलो ओखर अच्छा बनथे। एक बार वो ह जरूर कहीथे। मोर एकेच ढन सपना हे के मोर जीयत जीयत गांव म सब सरकारी सुविधा मिल जाय। इहां के नोनी बाबू मन ह पढ़ लिख लय। पढ़े लिखे के अड़बड़ पुछंता हे। तेखर सेती वो ह सब लइका मन ल पढ़े बर काहत रथे।
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बिलवा के पुलिस पुराण...


छत्तीसगढ़ के पुलिस वाला मन अड़बड़ चतुरा हे। कहां कइसे करना हे काखर रिपोट झिपोट करना हे कोन ल कइसे फांसना हे अऊ कोन ल कइसे छोडऩा हे। कहां सट्टा चलाना हे केती जुआं चलाना हे सब जानथे। इखंर पार पाना अड़बड़ कठिन हे। तभे त बड़ा भारी नेता बनईया सूरज निर्मलकर के बेटा ल पिटईया मन ल पंडरी पुलिस वाला मन ह नई धरीन। डीजीपी घलो कही डारिस तभो नई धरत हे। उल्टा जगह जगह काहत घूमत हे बहुत बड़ नेता बनथे दिखावत नेतागिरी अऊ घर के लानय। वो दिन एसपी आफिस म कम हंगामा होईस। एसपी के वर्दी के बटन घलो टुट गे। फेर एसपी ए रिपोर्ट नहीं लिखवाईस। सिपाही ह रिपोर्ट लिखाय बर कही दिस। काली जुवार मोहबा बाजार के दुकान म तोडफ़ोड़ होईस, कांच-कांच जम्मो टुट गे फेर पुलिस ल रिपोर्ट नई लिखना रीहिस त नई लिखिस। कही दिस तुंहर मन के आपसी विवाद हे तुमन निपटव। अतेक तोडफ़ोड़ के बाद घलो पुलिस के आंखी म संपत्ति विवाद ह दिख गे फेर तोडफ़ोड़ ह नई दिखय। अब का खून खच्चर होही तभे रिपोर्ट लिखहीं। कई ढन मामला हे। राजधानी म जगह-जगह सट्टा होवत हे फेर मजाल के वो ह रूक जाय। उल्टा महिना बांध के वसुली करत हे। सरकार ह गुटखा बेचे म रोक लगा दे हे। फेर पुलिस वाला मन हे कुहु कर गुटका ले बंद नई करीस उल्टा खुद गुटखा खावत हे। ए कोती बड़े अधिकारी मन ह नेता मन असन भाषण बाजी करत हे के आम आदमी ले संबंध सुधारो अऊ दुसर डहार पुलिस वाला मन ह गुण्डा बदमाश ले अपन संबंध बनावत हे। ए महिना ल त कोटा पूरा करे के महिला कहे जथे। बड़े-बड़े ट्रक गायब होही अऊ धरा घलो नहीं। अगहन-पूस म अइसने होथे। हर साल के नियम हे दिसम्बर म कम से कम रिपोर्ट होही। अऊ उही रिपोर्ट होही जेहा कोटा पूरा होवय।
दूसर डहार थाना म आम आदमी संग का होवत हे तेखर चिंता कोनो ल नई हे। तभे त बिलवा ह काहय ए पुलिस कचहरी के चक्कर म आदमी ल कभु नई घुसेना चाही। बपरा के साइकिल ह चोरी होगे। रिपोर्ट लिखाय बर गिस त थाना वाला मन ह बिल मांगीन बिलवा ह किहिस दस साल पहिली बिसाल रेहेव कहां ले बिल ह रही। त पुलिस वाला मन ह भड़क गे उल्टा उही ल फ घंटा लइठार दिस वो त तिहारू ह कइसे ढंग के थाना गे रीहिस त ओला पता चलीस त बिलवा ल धर लानीस चाय पानी बर पइसा अलग दे ल पड़ गे। तेन दिन ले वो ह पुलिस वाला मन ल पानी पी पी के गारी देथे।
अइसने कई ठन किस्सा हे फेर अधिकारी मन ह पतियाही त मतलब हे। तेहा चिचियावत राह तोन कोन सुनही।

विभिषण ल गारी झन दव...


जब कहुं चुनाव होथे, पार्टी के नाराज कार्यकर्तामन ह जम के भीतरघात करथे। छत्तीसगढञ म घलो इही हाल रीहिस हे। जगह-जगह जयचंद अऊ मीर जाफर दिकत रीहिस। का कांग्रेस अउ का भाजपा। जम्मो डहार इही हाल रीहिस हे। भीतरघाती मन के सेती पार्टी प्रत्याशी के हाल बेहाल रीहिस। पार्टी प्रत्याशी मन ह अइसन मन ल पार्टी ले निकाले के घलो मांग कर दे हे फेर मुड़ म लोकसभा चुनाव हे तेखर सेती कोनो पार्टी ह भीतरघात करईया मन ल निकाले के हिम्मत नई कर पावत हे। भाजपा म त बड़े बड़े सांसद, मंत्री मन के घलो नाम आवत हे त कांग्रेस घलो नई चेते हे। दस साल के बनवास के बाद घलो बड़े-बड़े नेता मन ह कुरसी खातिर पार्टी ल हराय बर लगे रीहिस। कांग्रेस म त निर्दलीय प्रत्याशी ल हेलीकाप्टर दे के घलो चर्चा हे। फेर काखर हिम्मत हे के ये बड़े नेता मन ल पार्टी ले निकाल सकय।  प्रत्याशी मन ह नाम फोडफ़ोड़ के भीतरघाती मन ल सोहरावत हे फेर बड़े नेता मन ह उंखर बात ल एकान ले सुन के वो कान ले निकाल देवत हे।  वो दिन गौरा चौरा म रही भीतरघाती मन के चचा चलत रीहिस। के कईसे कइसे उदीम करत रीहिन, दिन म संग म घुमय इऊ रात के कइसे हराम बर कहात रीहिन। तभे त वो दिन तरीया पार म गुड़ाखु घसत घसत बइठमाल ह कही पारीस ये सारा मन ह मीरजाफर अऊ जयचंद ल घलो फेर कर दे हावंय। नाम पहिचान पढ़ पैसा सब पाटी के बदौलत कमाय हे फेर चुनाव आथे तहां ले भीतरघात करे म भिड़ जाथे। बइठमाल के गोठ म हां मे हां मिलईयां के घलो कमी नही रीहिस, जे मुंह ले बात चलत रीहिस, कोनो ह कागरो पोल ल खोलत रीहिस त कोनो ह अपन डहार ले कहानी गढ़त रीहिस। जीवराखन ह त अपन बात ल मनवाय बर उदीम म उदीम दे देवत रीहिस त बैसाखू ह ए भीतरघाती मन ल विभिषण कही रिस। बैसाखू ह का विभिषण किहिस डेरहा के जी खिसिया गे। वो ह कहे लागीस ए सारा चोर मन ल विभिषण झन काह जी। विभिषण ह भले अपन भाई संग छल करीस हे फेर वो हा राम के संग दे रीहिस। रावण असन भाई संग छल करे रीहिस तेन ल नई देखस। इहां त जम्मो डहार रावण दिखथे। विभिषण का पूजा पाठ वाला आदमी रीहिस सत के संग दिस हे अधर्मी के नाश करे बर राम के संग दिस हे। धर्म के रक्षा खातिर वो ह अधर्मी भाई के खिलाफ को रीहिस। एमन ह फोन सा धरम के काम करत हे तेमा तेमा ए मन ल विभिषण कथय। पहिली विभिषण ल जान ले तब ओखर नाम लेबे कोकरे फोकट विभिषण कहत रथस।
डेरहा के बउदई ल देख के कतकोन झन वो तीर ले खसक के जानथे गांव म डेरहा च ह त अइसे आदमी हे जेन ह कखरो नई सुनय। अनियाय ल त बिल्कुलेच नई साहय।
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सिरतोन पतियाबे त पछताबे...


ए दारी किसान मन ह फेर नेता मन के गोठ बात म आके धान ल थप्पी लगा के मढ़ाय हावय। एक झन दु हजार म लेबों कही दे हे त एक झन इक्कीस सौ कही दे हे। इंखर गोठ बात म आके कतकोन झन मन ह धान ल मंडी नई लेगत हे। अऊ रस्ता देखत हे के कब सरकार बनही तहां ले धान बेचबो।
जम्मो डहार इही हल्ला उड़त हे फेर जीवराखन ल एखर ले मतलब नई हे। कतको झन समझाइन 15 दिन रूक जा गा फेर वो ह नई मानीस। मंत्री धान ल बेच दिस। उल्टा समझइया मन बउछा गे अऊ कीहीस पगला गे हे। नेता मन के बात ल खाली सुने के हे। पतियाबे त लात जुता खाबे। पउर के चुनाव के गोठ ल नई जानत हावव। 270 रूपया बोनस देबो कही दिन अऊ सरकार बनीस तहां ले भुला गे। सुरता कराय बर आन्दोलन करीन त लात जुता अलग पड़ीस। अऊ चुनई आईस त बोनस बांट दिन।
के साल होगे सड़क बिजली पानी मांगत। जब चुनाव आथे नेता मन ह एदारी बना देबो कथे फेर आज तक नई बने हे। एक ठन स्कूल म छेरी असन उइला देथे। पांच कलास ल एकेच ढन गुरुजी पढ़ावत हे के साल होगे कहात फेर कोनो नेता मन ह धियान देथे। वोट के पड़त ले ए कर देबो वो कर देबो कहत रथे अऊ तहां ले तै सुरता देवात रह कोनो नई सुनय।
अऊ कहुं ते हा आन्दोलन कर देबे त पुलिस वाला मन लौड़ी अलग बरसाये।
माटी तेल अऊ चाउंर के त ठिकना नई हे। लाईन लगाय रह तब कहुं मुश्किल ले मिलथे। अऊ लाईन नई लगाबे त कब तोर हक ल बेच खाही तेखर ठिकाना नई हे।
फेर जीवराखन के बात ल कतकोन झन सुनत हे अऊ कतकोन झन ह आस म बइठे हे के नवा सरकार आही त ए दारी धान के कीमत ह बाढ़ के मिलही।

बैसाखू के पीरा...


जब तक छत्तीसगढ़ म नवा सरकार नई बनही तब तक गोठ बात ह अइसनेन चलही। धान काटे ल जावत हे त उहों इहीच गोठ चलत हे। कोन जितही कोन हारही। बात के शुरुआत कहुं ले होवय आके नेतागिरी म अटक जथे। का गांव अऊ का शहर जम्मो डहार एकेच ढन गोठ बात चलत हे। पल पल म सरकार बनावत अऊ गिरावत हे।
नेतागिरी के चक्कर अइसने होथे। परन दिन बैसाखू ह कम गारी नई खाईस हे तभो ले आज वो ह फेर  आधा रात के घर पहुंचीस। सरकार बनाय बिगाड़े के गोठ म अतका रम गे के ओखर भूख पियास घलो कोन डहार चल दिस। पटेल डोकरा ह गारी दिस चलो मरगो रे कहीके ल फेर टुरा मन ह गौरा चौरा ले रहीन हे त तरीया पार म फेर उही गोठ ल लमा दिन। घर गीस त डोकरी ह दरवाजा खोल तेच बउछा में मुंदरहा ले धान लुए बर जाय बह हे अऊ ते ह आधारात ले  घुमत हस। नेता गिरी के गोठ ह तोर जिन्दगी चला दिही। अतका समझायव तभो ले नई मानस। जग अब जुड़ाय मात ल कले चुप खा। नखरा मारबे त ठीक नई होही। बैसाखू ह का कहीतीस गलती त हो गे रीहिस। पानी पीपी के मात ल निगलीस हे। भूख घलो लागत रीहिस। फेरि बिहिनिया ले उठे के चिंता म कब धारी के मात ह सीरा गे वो ल पता नई चलीस। इले चुप कथरी म खुसर के सुत के कोशिश करत रीहिस फेर ओखर धीयान ह घेरी-बेरी सरकार डहार चल देवय। सरकार के खिलाफ वोट दे रीहिस अऊ जम्मो झन के गोठ घलो चलत हे के ए दारी सरकार बदल जाही। उहु ह इही सोच के सरकार के खिलाफ वोट दे रीहिस के सरकार बदल जाही तभो वोला दुरुपया किलो चांउर अऊ दुसर सुविधा मिलही फेर मन म घलो डर ह बइठे रीहिस के नवा सरकार ह सब योजना ल बंद कर दीही त का होही। घर ल कइसे चलाही। ये महंगाई के जमाना म लइका मन ल वो ह इही योजना के भरोसा बने स्कूल म भर्ती कराय हावय। किन्तु योजना ह बंद हो जही त लइका मन ह कहाने पड़ही। बैसाखू ल अपन नई पढ़े के अड़बड़ दुख हे। तभे त पेट काट के वोह अपन लइका मन ल बढिय़ा ले बढिय़ा स्कूल म पढ़ावत हे। वो दिन ठाकुर साहेब ले कतका नई लड़े रीहिस। ठाकुर ह अतके कही पारे रीहिस के सरकार ल फोकट म कुछु नई देना चाही। एखर मन के भाव बढ़ गे हे। घर म काम बुता करईया मन घलो नखरा मारथे। अतका ल सुन के बैसाखु ह बउरा गे रीहिस अऊ का का नई कही दे रीहिस। सरकार बदले ले जादा ओला योजना बंद होय अऊ ओखर ले जादा लइका मन के पढ़ई के चिंता हे तभे त एती तेती कलपत कतका बेर मुंदरहा होगे वोला पता च नई चलीस। दाई ह चिचियाईस त धरा रपटा उठ के खेत डहार हंसिया घरे रेंग दिस फेर मने मन गुनत रीहिस.. कइसे होही.. का होही!

जेन तोर हाल तेन मोर हाल...


पहली भाजपाई मन ह विभिषण मन ल सुमरीन अब कांग्रेसी मन ह सुमरत हे। सत्ता के लड़ई म सब झन के एकेच ढन हाल हे। पहली टिकिट बर हांव-हांव करीन अब एक दूसर पर हांव हांव करत हे। खिर मन के आजकल इहीच धंधा होगे हे। अपन गुन ल नई बतावय के काम करत  हे दूसर के पाप ल गिनावत रथे।  दस साल ले सत्ता ले बाहिर हे तभो ले नई चेते हें। गारी गल्ला सब चलत हे। नाप ले ले के बतावत हे के विरोधी मन ह कइसे अऊ कहां कहां उदीम करे हावंय। कतकोन मन पइसा बर विभिषण बने रीहिन त कतको झन अपन पारी लगाया बर विभिषण बने रीहिन।  मे हा इही तीर पहिलीन गोठिया डोर हांवय के आजकल राजनीति ह समाजसेवा के जादा धंधा होगे हे। मनमाने खरचा करत हे एखर मन बर निमद कानून कोई मायने नई रखय एखर मन बर जात धरम घलो कुछु नई हे अब कार्यकर्ता मन घलो ए बात ल जान डारे हें तभे त भाजपा म घलो उही होवत हे जेन कांग्रेस म चलत रीहिस। कांग्रेस म ए दारी बड़े बड़े नेता मन के पसीना छुट गे हावय। भाजपाई ले जादा ओमन ल अपने पार्टी के विभिषण मन ले लड़े बर पड़त रीहिस। ए अलग बात हे के ए दारी भाजपा के विभिषण जादा रीहिस। एक त सरकार के करनी उपर ले मंत्री मन के करनी ले पहिलीच भाजाप ह परेशान रीहिस अऊ ऊपर ले पार्टी के विभिषण मन ह थोड़ बहुत उम्मीद रहाय तउनों ल सत्यानाश कर डारे हावय।  कांग्रेस म त परम्परा बन गे हावय। मैं नई खा सकवं त बगरा दुंहु के खेल कांग्रेस म कई साल ले चलत हे। पउर के चुनाव म बड़े बड़े नेता सत्यानारायण शर्मा, भूपेश बघेल, महेन्द्र कर्मा, धनेन्द्र साहू हार गे रीहिन नई त सरकार के रंग रूप ह दुसर होतीस। इहु दारी अकबर, रविन्द्र चौबे, भूपेश बघेल, अमितेश शुक्ला, अग्नि चंद्राकर मन ल विभिषण मन ह कंसा के रख दे रीहिन फेर ए मन ह जीत जबो काहत हे। सरकार भाजपा के बनही के कांग्रेस के बनही एखर पता त आठ दिसम्बर के चलही लेकिन एक बात त तय हे के दुनो पार्टी म विभिषण मन के संख्या ह दिन दुनी रात चौगुनी असन बाढ़त हे। एखर मन के कोनो कुछ बिगाड़ सकही तेखरों उम्मीद कोनो ल नई हे। अब देखना हे के ए मन ल कोन कोन पंदोली देथे।

नवा नवा झंझट...


आजकल चुनाव लडऩा नई हे। एक त टिकिट पाय बर अपन जम्मो ताकत ल लगा मनमाने पईसा खवा अऊ टिकिट मिल गे त चुनाव आयोग ल अपन संपत्ति के जानकारी दे। कार्यकर्ता मन के खुशामद कर अउ जेखर चेहरा देखे के मन नई हे तउनो तीर भीख मांग। चुनाव के बेरा चुनाव आयोग ह अइसे नियम बना दे हावय के ओला पूरा करत करत जीव चल दय। पहिली घांव चुनाव लड़ईया मन त अइबड़ परेशान हे। हिसाब दे के बाद घलो आयोग ह माने ल तैयार नई हे। अऊ नोटिस उपर नोटिस देवत हावय के खाचा कय काबर बतावत हस। तभे त वो दिन नेता जी के जवान बेटा ह खिसिया गे रिहिस। 16 लाख म कोनो चुनाव लड़े सकही। बुजा मन ह अतके म चुनाव लड़ कथे अऊ ओखरे भीतर हिसाब बनाबे त कथे कम बताय हस। जाहा बता के का मरबे। सब के अपन अपन तकलीफ हे ए द अब नवा झंझट शुरु हो गे हावय। चुनाव आयोग ह सब जमीन जायदाद के जानकारी मांगीस अऊ वोला इंकमटेक्स वाला मन तीर मेज दिस। अब सुने म आच हे के इंकम टेक्स वाला मन ह तुतारी घर के पाहु पड़ईया हे। तमे त पउर बिसहत ह कहाय। झन लड़बे मईया चुनाव। अड़बड़ झमेला हे। कभु बुहु करे रहीबे चाहे झन करे रहीबे सब्बो चरितर ह आगु म आ जथे। कुखरो पुरखा मन के बारे म जानकारी चाहगी त वोला चुनाव लड़े बर कही दे। ओखर सब जानकारी मिल जाही। बिसहत ह त एदारी नरोत्तम ल घलो समकाय रीहिस। अड़बड़ झंझट हे गा। निर्दलीय मन ल एक त कोनो जानम नहीं अऊ जानबे तउनो मन हे बड़े-बड़े पार्टी म मोहा के हावय ते कतकोन ईमानदार रह तोला वोट देबेच नई करय। अतेक पड़े हें कथे तभो ले चोर पार्टी म जाके बोजाईच जथे। फेर चुनाव ल नरोत्तमह लड़ डारिस अऊ रोज के नवा नवा झमेला म अलग फंस गे। आजकल वोला रोज आयोग ले अलग बुलावा आवत हे। धान हे खेत म पाक गे हावय फेर आयोग के पेती के मारे करई नई हो वखत हे तभे त ो दिन वो ह आयोगो ल कही दिस जेन कुछ करना हे आजेच कर डार साहेब।  रोज रोज में हा नई आ सकब। साहेब ह अड़बड़ गुस्साईस। फेर नरोत्तम ह सोच डरे हावय नई जांव त नई जांव। गांव म आके वो ह सीधा बिसहत तीर गीस अऊ किहिस बने कहात रेहे गा चुनाव लडऩा आजकल बने आदमी के काम नहीं हे।