सोमवार, 24 मार्च 2014

जेती मिलथे वोती वोट ह गिरथे


लोकसभा चुनई होने वाला हे। जेन मन ह चुन के दिल्ली जाही। उही मन ह देश ल चलाही। देश ल का चलाही अपन रवीसा ल भरे के उदीम जादा करही। तभे त जम्मो डहार चुनई के सोर हे। जेन ल देख ले उही चोर हे। महंगाई के मारे जनता त्रस्त हे अऊ नेता मन ल देख ले कइसे मस्त हे।
वो दिन राम सिंह ह कही पारीस ऐसा फागुन तिहार ह तिहार असन नई लागीस। न नंगाड़ा बजईया के ठिकाना हे न फाग गवईया के पता हे। बाजा ल लगा देथे अऊ पी खा के कुदत रथे। अब त कोनो ह लाल हे घलो नई चिचियावय। जम्मो झन ह अपन आप ल शरीफ जताय बर लगे हे पहली एक दु दिन गारी गल्ला कर के अपन मन के शैतान ल निकाल देवय आजकल त अइसे शरीफाई दिखाथें अऊ साल भर मन म पाप भरे रथे। काखर का जिनिस ल झटकन कइसे अपन घर भरन इही म धियान रथे। मोबाईल आ गे हे त बात बात म लबारी मारत रथे।
वो दिन बरदिहाच ल कही पारेव ए दारी बरवाही ल छोड़ देते त कइसे तमतमागे रीहिस। साफ मना कर के रीहिस। नहीं छोड़व गा कही के गुर्रा दे रीहिस।
राम सिंह के गोठ त छोड़ वो ह त अइसने बोलत रथे। फेर ऐसो निहाली ह घलो कही डारिस सादगी ले मनाबो। निहाली ल कोन समझावत हे आखिर नेता गिरी म तीर तार म ओंखर रूआब हे फेर कोन ह वोला रोतकीस। फेर तिहार के दिन कतकोन झन बकबका गे अऊ अपन रंग म अइसे मातगे के झन पूछ।
जिवराखन ह त भइगे अइसे तिहार मनाईस के तीर तार के मन ह घलो ओखर रंग म रंग गे। अऊ निहाली ह चिचियावत रहिगे फेर तिहार बार के कोनो सुनही। लइका मन ल त तै हा समझाच नई सकस।
तिहार के बिहान दिन नेता जी घलो धमक गे। अऊ भाषण घलो दे डारिस के ए दारी मोला अऊ जिता दव शिकायत के कोनो मौका नई दुहु जइसे कहु तइसने करहु। ए झन लपरहा ह कही दिस पउर परीहार घलो अइसने केहे रेहे गा ते हा नई सुधरस ए दारी हमी मन ह सुधर जथन। सांझ होत होत लपरहा के बुलावा आगे। को जनी का गोठबात होईस के रतिहा गौरा चौरा म वो ह नेता जी के माला जपत रीहिस। तभे त वो दिन जिवराखन ह कहाय कखरो ठिकाना नई हे गा। जेती मिलथे तेती वोट ह गिरथे। देखस नहीं राज करे बर जम्मो पार्टी वाला मन ह कइसे कइसे उदीम करथे। गुण्डा बदमाश ल घलो टिकिट देवत हे अऊ एक दुसर के मुंह नहीं देखईया मन ह एकेच मंच म बइठत हे। हमी मन ह वेबकूफ हन ...।

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