शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

हमर राज अऊ हमर भाखा...


आज कल हर समाज के बड़े-बड़े बइठका होवत हे। चुनई ल देख के समाज के नेता मन ह अपन ताकत दिखाय के उदीम करत हे। भगवा अऊ खादी के पट्टा बांधे के उदीम म समाज के कतका हित होवत हे एला त कोनो नई बता सकय फेर कुरसी पाय के ए उदीम ल देख के गांव-गांव म कतकोन गोठ होवत हे।
आज कल बइठका ल सम्मेलन कथे अऊ इही बइठका म दूसर समाज के नेता मन ल बुलाय जथे। मंत्री-विधायक होय चाहे सांसद होय दूसर समाज के बइठक म दांत निपोर के आ जथे अऊ समाज के नेता मन के खुशी के ठिकाना नई राहय। बात इहें नई सिरावय। मनमाने हिन्दी झाड़थे अऊ छत्तीसगढ़ी बोले म लाज आथे।
तभे त वो दिन समारू ह अपन समाज के बइठका ले अइस त अब्बर गुसीयागे। अऊ कहत घुमत हे जेन समाज ह अपन भाखा ल छोड़ देथे वो ह मर जथे। फेर नेतागिरी के चक्कर म आजकल हर छत्तीसगढ़ी समाज के इही हाल होगे हे। समाज के नेता मन ह मनमाने हिन्दी झाड़थें अऊ नई आवय तभो अलकरहा बोल के अपने मजाक उड़वाथे।
समारू के गुसीययी ल त मे ह नई जानव फेर ओखर एक ठन बात ह मोला नीक लागीस के जब हर समाज ह अपन भाखा म गोठियाय म नई लजाय त हमन कार लजाथन।
सुभाष स्टेडियम म सतनामी समाज के गुरू बाल दास ह 10 तारीख के गरियात रीहिस। हमर राज जब तक नई बनही। छत्तीसगढ़-छत्तीसगढ़ी अऊ छत्तीसगढिय़ा के भला नई हो सकय। चुनई आवत हे अऊ हमला अपन राज खातिर तैयार रहना चाही। बाल दास के पीरा आज हर छत्तीसगढिय़ा के पीरा हे। उही मन ह दोगलई करत हे जेन मन ह भगवा-खादी के पट्टा बांध ले हे। नंदकुमार साय ह कहत हे आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाही। नड्डा ह ए बात ल नई मानय न समझ म आथे फे र पैकरा ह घलो एला नकारथे त सवाल उठथे।
आखिर छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढिय़ा मन ह राज नई करही त कोन करही। कब तक परबुधिया अऊ मीठलबरा बन के अपन गोड़ म पथरा पटकहीं।
राज बनिस त कतका खुशी होय रीहिस। लगात रीहिस के इहां के बेरोजगार छोकरा मन ल नौकरी मिलही गांव-गांव म स्कूल कालेज अऊ अस्पताल खुलही। हमर हीरा खदान के हीरा ले खुशहाली छा जही अऊ राम राज आ जही। फेर राम राज के बात करईया मन ह अइसे बांध तरिया नदियां ल बेचीन के कोयला के कालिख ह नई पोछावत हे। अऊ  बपरा जनता ह पेरावत हे। अपने समाज के नेता मन ह पट्टा पहिन के धोखा देवत हे अऊ चुनई म फेर कुरसी पाय के उदीम करही। समारू जानथे ए बात ल तभे त सब झन ओखर गुस्सा म ओला बैझड़ कथे।

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