गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

हमरों पूछईया भईया कोनो नई हे गा...


गुजरात म नरेन्द्र मोदी ह हैट्रिक बना दिस, गुजराती अष्मिता के नारा ल बुलंद करके चलने वाला नरेन्द्र मोदी ह जेन ढंग ले अपन गुजरात के विकास करे म लगे हे तेखरे परिणाम ह सामने आय हे । भाजपा ह कतको दावा करय के ओखर पार्टी ह जीते हे लेकिन सच यही हे के गुजरात म नरेन्द्र मोदी के जीत होईस हे । छत्तीसगढ़ म घलो साल भर बाद चुनई होने वाला हे । लेकिन छत्तीसगढिय़ा मन के पूछईया कोनो नई दिखत हे । कांग्रेस-भाजपा म छत्तीसगढिय़ा मन ह टंगिया के बेट बनके रहिगे हे । कोनो नेता के हिम्मत नई होवत हे के ओमन ह छत्तीसगढिय़ा मन बर हुंकार भर सकय । कखरों मुंह ह पइसा म तोपाय हे त कखरो मति ल कुरसी ह फेर दे हे । स्वाभिमान मंच ह जरूर छत्तीसगढिय़ा मन के बात करत हें लेकिन ओखर बात ल छत्तीसगढिय़ा मन ह अभी कतका समझत हे । कोन जानथे ।
छत्तीसगढ़ राज के सपना छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी अऊ छत्तीसगढिय़ा के उपेक्षा के सेती देखे गे रीहिस अऊ ये उपेक्षा ह अभी घलो चलत हे । कांग्रेस अऊ भाजपा के पट्टा डालने वाला मन ले उम्मीद करना भारी भूल होगे तइसन लागत हे । जम्मो डहार लुट मचे हे । रमन सिंह ह कांग्रेसी मन के गिद्मशान ल देख के हैट्रिक मारे के बात करत हे । अऊ छत्तीसगढिय़ा नेता मन ह परबुधिया होगे हे । उन ल न तो कोइला के करिया ह दिखत हे अऊ न तो नेता-अधिकारी मन के लुट-खसोट ह दिखत हे ।
राम लाल ह वो दिन सिरतोनेच काहत रिहिस के हुं महात्मा गांधी, आजाद, भगत सिंह मन ह घलो अपने म जीतीन त ए देश ह कभु अजाद नई होतीस ।
का छत्तीसगढिय़ा मन ल परदेशिया मन के लुट खसोट ह नई दिखत हे । टंगिया के बेट बनेक छत्तीसगढिय़ा ल नुकसान पहुंचाते वाला मन के चेहरा ह नई दिखत हे ।
का कुरसी अऊ पइसा पाय बर पट्टा पहिनना जरूरी हे । खेत के खेत बैचावत हे । दारू के नदिया बोहावत हे । बांध-तरिया-नदिया, नहर नाली, गोठान, दहियान अऊ चरागन घलो नई बाचत हे ।
जंगल ल काटे जात हे, खदान घलो नई बाचत हे अऊ अब त हवा म घलो जहर घुलत हे । सांस लेना मुश्किल होवत हे ।
सरकार के लुट के खिलाफत करने वाला मन ल धमकाय जात हे ।
कभु-कभु त अइसे लागथे के दु-चार साल म छत्तीसगढ़ी अऊ छत्तीसगढिय़ा मन के नाम लेवा नई बाचही, आदिवासी मन ह त दुनो डहार ले पेरावत हे । अऊ कुछ़ बोल नई पावत हे । फर्सी मुठभेढ़ में कतका आदिवासी मन मर गिन, कतका गांव उजड़ गे लेकिन आदिवासी के नाम म कुरसी पाने वाला मन ल एखर ले कोनो मतलब नई हे ऊतका सवारथ भर गे हे के आंखी ह मुंदा गे हे । मुंह ह सिलागे हे ।
कभु इही छत्तीसगढ़ ह शांति के टापु कहाय, कोनो धान के कटोरा कहाय लेकिन जम्मो बात ह तहीया के कहनी किस्सा होगे हे । अपराध मनमाने बाढ़ गे हे । शहर ल त छोड़ दे । गांव-गांव के शांति ल दारू-मंद ह लील दे हे । भाजपा ह हैट्रिक के तैयारी म लगे हे त कांग्रेस ह सरकार बनाय के उदीम करत हे तब छत्तीसगढिय़ा मन के पूछंता कोन हे । अब ये सवाल करे के बेरा आ गे हे । टंगिया के बेट बने छत्तीसगढिय़ा मन ल जवाब दे बर पड्ही के आखिर छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी अऊ छत्तीसगढिय़ा मन के का होही ?

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